भाजपा के शहनवाज बनेंगें मंत्री या जदयू के जमा खान! लाख टके का सवाल।

पटना। द न्यूज़। भाजपा और नीतीश के बीच प्रदेश में वर्चस्व की मजेदार राजनीति चल रही है। ये ऐसी ही शतरंज की चाल है जैसे दो महाराजा साथ बैठकर एक दूसरे को मात देने के लिए शतरंज की गोटियां फेंकते हैं। भाजपा ने जैसे ही पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के जरिये अल्पसंख्यक गोटी की चाल चली, नीतीश ने तपाक से अपनी पार्टी में बसपा नेता मो. जमा खान को शामिल कराके भाजपा को शह दे दी। नीतीश की चाल से भाजपा का अल्पसंख्यक दाव उदासीन पड़ गया। नीतीश के इस फेंके तीर से कहीं शाहनवाज हुसैन के मंत्री बनने के अवसर पर पलीता न पड़ जाए। क्योंकि जदयू की तरफ से मो. जमा खान मंत्री बनेंगे। 

नीतीश ने यहां जमा खान की गोटी फेंककर भाजपा को जबरदस्त ‘शह’ दे दिया है। यह ‘शाह’ का भी खेल हो सकता है। क्योंकि अरसे से शाहनवाज मंत्री पद से पैदल थे। बिहार में उन्हें पांव रखने का अवसर मिला है। लिहाजा बिहार के इस ठंडे मौसम में दिलचस्प गरम गरम राजनीति हो रही रही है। जहां नीतीश सरकार में एक अल्पसंख्यक नेता की दरकार थी वहीं शह मात के खेल में दो अल्पसंख्यक नेता मिल गए। भाजपा के लिए अब अपने वोटबैंक के लिहाज से धर्मसंकट की स्थिति पैदा हो गयी है। फिलहाल भाजपा के रणनीतिकार व बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच ‘मैच’ चल रहा है। पटना में एक मैच खेलकर नीतीश राजगीर के घोड़ा कटोरा से घूम आये हैं। उधर भूपेंद्र यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, संगठन मंत्री नागेंद्र जी उर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद दिल्ली से मंत्र प्राप्त कर लिए है। फिर एकबार नीतीश मो शह देने की रणनीति है।

ज्ञात हो को नीतीश कुमार ने जिस बसपा के एकमात्र विधायक मो. जमा खान को पार्टी में शामिल किया है उसी ने पूर्व मंत्री व चैनपुर के विधायक रहे बृजकिशोर बिंद को पटखनी दी है। चुनाव में बिंद के खिलाफ जनता थी। इसकी रिपोर्ट भी शीर्ष नेताओं को मिली पर ध्यान नहीं दिया गया। अब वह चैनपुर क्ष्रेत्र भी भाजपा के हांथ से निकल गया।