तेजस्वी के नेतृत्व से नाराज हैं अपने और गठबंधन के लोग। शिवानंद उसी के शिकार।

विद्रोही

पटना ( द न्यूज़)। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भारी मन से पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उनका मन राजनीति से उचट गया है। बीते लम्हों की किताब लिखने किहहते हैं।

हालांकि शिवानंद ने राजद से इस्तीफा नहीं दया है। तेजप्रताप की शादी के बाद जब लालू की बहू ससुराल आयी थी तो वह लालू के साथ बैठकर मछड़ी भात खाये थे। उसके बाद ऐसा मौका नहीं मिला। लालू जेल चले गए और साथ छूट गया।

तिवारी ने आने फेसबुक वॉल पर अपनी भावना कुछ इस तरह व्यक्त की है: थकान अनुभव कर रहा हूँ. शरीर से ज़्यादा मन की थकान है. संस्मरण लिखना चाहता था. वह भी नहीं कर पा रहा हूँ. इसलिए जो कर रहा हूँ उससे छुट्टी पाना चाहता हूँ. संस्मरण लिखने का प्रयास करूँगा. लिख ही दूँगा, ऐसा भरोसा भी नहीं है. लेकिन प्रयास करूँगा. इसलिए राजद की ओर से जिस भूमिका का निर्वहन अबतक मैं कर रहा था उससे छुट्टी ले रहा हूँ. शिवानन्द 22/अक्तूबर/19.

ज्ञात हो कि तेजस्वी के नेतृत्व से उनके सहीयोगी हम पार्टी में काफी नाराजगी है। हालिया उपचुनाव में तालमेल नहीं बैठा। सहयोगी वीआईपी में भी उत्साहित नहीं है। हम के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव के समय औरंगाबाद में उम्मीदवार को समय देकर चार सभाओं में नहीं गए।

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