पटना। द न्यूज़। बिहार में लाखों योग्य उम्मीदवारों की योग्यता पर डाका डालकर फर्जी डिग्री पर शिक्षकों की बाढ़ आई है। सैकड़ों फर्जी शिक्षकों को निकाल गया है पर हजारों अभी भी फर्जी डिग्री पर मलाई चाभ रहे हैं। पटना उच्च न्यायालय ने राज्य के स्कूलों में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर सेवा में बने शिक्षकों के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से आगामी 9 जनवरी तक जवाब देने का आदेश जारी कर दिया है। चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जवाब देने के लिए राज्य सरकार को यह आखिरी मोहलत दी गई है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने अदालत को बताया कि राज्य के स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसे शिक्षकों की संख्या लाख में है। निगरानी विभाग की ओर से कहा गया कि ऐसे अवैध रूप से सरकारी सेवा में बने शिक्षकों के मामले की जांच में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक उन शिक्षकों का फोल्डर भी पूरे तौर पर उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 9 जनवरी को की जाएगी। ज्ञात हो कि शिक्षकों को बचाने के लिए फाईले गायब करने का गोरखधंधा चल रहा है।