उपेंद्र के अनशन से सरकार में टेंशन, पर नहीं ले रही सुध

पटना ( द न्यूज़)। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी मांगों को लेकर चौथे दिन भी अनशन पर रहे पर सरकार को अबतक जूं नहीं रेंगी है। आज बीच मे तबियत बिगड़ी और उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराना पड़ा। भाजपा समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने अनशन पर रहे उपेंद्र कुशवाहा का कुशल क्षेम पूछा है। साथ ही ढाढ़स बढ़ाया है पर जदयू की तरफ से किसी ने अब तक उपेंद्र कुशवाहा की सुध नहीं ली है।

आज चौथे दिन राजद नेता तेजस्वी यादव औऱ पार्टी के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने पीएमसीएच जाकर कुशवाहा का हाल पूछा। इसके पहले कांग्रेस, वामदल, वीआईपी, हम , लोजपा सेक्युलर के नेता उपेंद्र कुशवाहा से अनशन स्थल पर जाकर मुलाकात कर चुके हैं। भाजपा नेता संजय पासवान भी उपेंद्र कुशवाहा से मिल आए हैं।

एक समय उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीब थे। नीतीश में उन्हें राज्यसभा में पहुंचाया था। किन्तु राजनीति के खेल में दोनों की दूरियां बढ़ गयी। पिछले लोकसभा चुनाव में उपेंद्र को राजनीतिक हवा की पहचान नहीं हो सकी और उनका सबकुछ बना बनाया नमो की आंधी में उड़ गया। लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के सिक्का नहीं चला। लेकिन शिक्षा सुधार को लेकर एकबार फिर उपेंद्र कुशवाहा ने जमीनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। केंद्रीय विद्यालय के लिए राज्य सरकार से जमीन की मांग उठा दी है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विद्यालय के लिए जमीन देने से मना कर दिया है। जिस तरह उपेंद्र कुशवाहा सार्वजनिक तौर पर अनशन कर रहे हैं उनकी मुहिम रंग ला सकती है। सरकार के अंदर उपेंद्र के अनशन से टेंशन अवश्य है पर ईगो हावी है।

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