विकाश का एनकाउंटर व सुशांत की आत्महत्या दाल में काला! पुलिस से टूटा भरोसा!

पटना/लखनऊ। विद्रोही की कलम से/ द न्यूज़। यूपी पुलिस द्वारा दुर्दांत विकास दुबे के एनकाउंटर करने के इस तरीके की जगहंसाई हो रही है। पुलिस का बदरंग व कुरूप चेहरा को पूरा देश देख रहा है। विकास दुबे दुर्दांत था पर आपने उसे इस तरह मजाकिया लहजे में एनकाउंटर कर कौन सा सीना चौड़ा करने का काम किया है!

याद रखिये। समय पर जनता आपको इसका बरोबर सजा देगी। हमने संसद पर आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु का भी हश्र देखा है। कोर्ट कचहरी से गुजरते हुए उसे फांसी की सजा दी गयी थी। आपको भी कम से कम अफजल जैसे न्याय के लिए इंतजार करना चाहिए था। नेता व मंत्री बताओ क्या तुमपर आपराधिक मामला नहीं है? यह देश के सिस्टम का एनकाउंटर हुआ है।

विकास दुबे के एनकाउंटर में हम पूरी यूपी पुलिस पर तोहमत नहीं लगा सकते क्योंकि ये ऐसा मामला था जिसपर सभी की एक राय नहीं हो सकती। ऐसे सुपारी लेकर एनकाउंटर करने वाले पुलिस के पीछे जरूर सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेता का इशारा होगा।

Vikash Dubey

क्या बच्चों वाली , हास्यास्पद एनकाउन्टर की पटकथा लिखी गयी है। देश की आम जनता हंस रही है। यह सरासर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का एनकाउंटर हुआ है। अपराधी अपराधी होता है। उसकी कोई जात नहीं होती है लेकिन तुमने हास्यास्पद तरीके से विकास दुबे का एनकाउंटर कर अपनी जात दिखा दी है। एक तो तुम उस दुर्दांत को पकड़ नहीं पाए और जब तुम्हें सौंप दिया गया तो संभाल नहीं पाए। क्या मजाक है। क्या गुलाम मानसिकता है। ये धोखेबाजी नहीं तो क्या है। जिस तरह इतिहास ने अभी तक जयचंद को माफ नहीं किया है उसी तरह इतिहास इस धोखेबाज एनकाउंटर की पटकथा लिखने वालों को माफ नहीं करेगा। पुलिस जानती है कि हम स्टोरी बताएंगे वही स्टोरी पोशुआ रिपोर्टर चलाएंगे। लेकिन यह स्टोरी पच नहीं रही है। सही मायने में पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जिस तरह सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या थ्योरी आम जनों को नहीं पच रही है वैसे ही विकास का ये एनकाउंटर खबर भरोसे पर खड़ा नहीं उतर रहा है।

कल तक चीन से तकरार की बातें हो रही थी। कल तक बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल की चर्चा हो रही थी। कल तक कोरोना मामले में भारत के तीसरे स्थान पर पहुंचने की खबरें पसर गयी थीं और आपने एक दिन में विकास दुबे को खींचकर सारे मामले पर पर्दा डाल दिया। भाई! पूरी देश की जनता यह देख रही है। आपको ऐसे सारे अपराधियों की लिस्ट उजागर करना चाहिए जिनपर 50 से अधिक आपराधिक मामले हैं। हिम्मत है तो उन सभी अपराधियों की घेराबंदी कीजिये। यदि ऐसा हुआ तो पूरे देश का 56 इंच का सीना हो जाएगा।