नीतीश के गांव की रहने वाली महिला ने दम तोड़ा, अस्पताल को आई हंसी!

पटना। द न्यूज़। ( विद्रोही)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव की रहने वाली महिला ने आज पारस अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसके साथ बलात्कार हुआ या नहीं, छेड़ छाड़ हुई या नहीं सारे तथ्यों को जनता उसकी जुबानी नहीं सुन सकी। पीड़ित महिला की बेटी को उम्मीद थी कि उसकी माँ ठीक होकर आपबीती सुनाएगी। तो क्या खेल खत्म। या नए अंदाज में शुरू होगा। क्या जान गवां चुकी महिला की बेटी अस्पताल के खिलाफ एफआईआर कराएगी। क्या नीतीश सरकार को यह सब नहीं दिख रहा है, जबकि मृत महिला कल्याण बिगहा की रहनेवाली थी। यह नीतीश कुमार का पैतृक गांव है। आखिर जब तक एफआईआर या शिकायत दर्ज नहीं होगी तो अस्पताल के खिलाफ कारवाई कैसे होगी। क्या लड़की के साथ कोई डीलिंग हुई है। 

फिलहाल लड़की अकेले है। पटना के बांस घाट पर पर मृत माता के साथ विलाप कर रही है। बिहार में कई तरह की राजनीति चल रही है। जायज नाजायज पर ध्यान न देकर यह देखा जा रहा है कि कहीं उसे फायदा न हो जाये। अपने हित लाभ को देखकर तेजस्वी ने पप्पू यादव से दूरियां बढ़ाली। राजद को भय हो गया कि उसके वोट बैंक में सेंध लग जायेगा। सरकार भी यही चाह रही थी। विपक्ष की आवाज बंट गयी। अब देखिए पारस मामले में ऊंट किस करवट बैठता । याद रहे बिहार के मुख्य सचिव रहे अरुण कुमार सिन्हा भी इसी अस्पताल में दम तोड थे। पूर्व शिक्षा मंत्री व नीतीश कुमार के खास मेवा लाल चौधरी भी यहीं कोरोना से गुजर गए। अब देखिए, कुछ दिनों बाद फिर प्रेस रिलीज से पर्स की वाह वाही होने लगेगी।