आखिर नित्यानंद को क्यों आता है इतना गुस्सा? उनके नीतीश मिश्रा के प्रति व्यवहार से भाजपा के शीर्ष नेता आहत। भाजपा के कोर वोटबैंक को लगातार लग रहा धक्का

पटना। द न्यूज़। ( विद्रोही)। भाजपा का कोर वोटबैंक ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत व कायस्थ बिहार में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के व्यवहार से खास आहत बताए जाते हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा को बेइज्जत करने की कोशिश की। केंद्रीय मंत्री तुम ताम पर उतर गए। हालांकि नीतीश मिश्रा पार्टी की प्रतिष्ठा के लिए इस मामले पर कुछ भी बयान देने से बच रहे हैं।

ज्ञात हो कि भूमिहार समाज पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अपेक्षा से खार खाये बैठे हैं। वैसे में नीतीश मिश्र के अपमान से ब्राह्मण भी अंदर ही अंदर खौल रहे हैं। नित्यानंद राय पार्टी के वफादार नेता हैं। मेहनती भी हैं पर कहा जा रहा है कि जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मार जाता है। अच्छे अच्छे नेता अहंकार में डूब कर जमीन पर आ गए। जगदीशपुर में कुंवर सिंह विजयोत्सव के ठीक पहले प्रदेश भाजपा कार्यालय में नित्यानंद राय और नीतीश मिश्रा के बीच तनातनी हो गयी। जगदीशपुर में भीड़ जुटाने के लिए नीतीश मिश्रा ने भोजपुर व उसके आस पास की जनता पर अधिक फोकस करने का सुझाव दिया। गर्मी के मौसम में नीतीश मिश्रा का सुझाव माकूल था किंतु सूत्रों का कहना है कि नित्यानंद राय को यह सुझाव पसंद नहीं आया और वह नीतीश मिश्र पर सभा के ब्रेक होने पर उखड़ गए। तुम ताम पर उतर गए। एक ओर वीर महापुरुष वीर कुंवर सिंह ने समाज के सभी लोगों को साथ लेकर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए और दूसरी ओर नित्यानंद राय अपने साथी को ही अपमानित करने लगे। आखिर ये बड़ी जिम्मेवारी कैसे निभाएंगे।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नित्यानंद राय खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं, अमित शाह के सामने छाती चौड़ी करने के लिए नित्यानंद अपने साथी नीतीश मिश्रा से लड़ लिए पर प्रदेश भाजपा को कमजोर कर गए। नित्यानंद व भूपेंद्र यादव जैसे वरिष्ठ नेता बिहार में लालू के तिलिश्म नहीं तोड़ पाए और न ही यादव समाज मे सेंधमारी कर पाए। पिछला विधानसभा चुनाव इसका उदाहरण है।

बिहार की राजनीति में यह भी चर्चा है कि भूपेंद्र यादव व नित्यानंद राय ने सुशील मोदी को निर्वासित कर दिया। प्रदेश भाजपा के पूर्व महामंत्री सुधीर शर्मा भी नित्यानंद राय के मारे हुए हैं। अब तक सुधीर शर्मा की भाजपा में इंट्री नहीं हो पाई। भाजपा को अपने कोर वोट पर ध्यान देना होगा नहीं तो तेजस्वी के आगे यादव वोट की चुराने की कूबत न तो भूपेंद्र यादव को है और न ही नित्यानंद राय को। उधर पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह व बाढ़ के विधयक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू भी कई मामले को लेकर खफा हैं। राजपूत नेताओं को खुश करने के लिए जगदीशपुर में विजयोत्सव की रणनीति बनी थी।