पटना। द न्यूज़। कैंसर के इलाज के लिए अपनी अलग पहचान बनाने वाला सवेरा हॉस्पिटल ने अपने पहले साल का सफर पूरा किया। सवेरा कैंसर एंड मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक वर्ष पूरे किया है। दरअसल मानव जीवन मे एक ऐसी बीमारी जिसका नाम सुनते ही जिंदगी हारी नजर आने लगे, ऐसे मे उसके समुचित उपचार और विशिष्ट सेवाओं के द्वारा इस रोग को कमतर करने की एक मुहिम का नाम है बिहार का सवेरा कैंसर एवं मल्टी स्पैशलिटी हॉस्पिटल। पिछले डेढ़ दशक से बिहार एवं आस पास के लोगों को कैंसर जैसे नाम से जूझने की शक्ति देने वाले पूर्वी भारत के प्रसिद्ध ऑनकोलॉजिस्ट डॉ वी पी सिंह बताते हैं – “हमारे हॉस्पिटल ने एक वर्ष का पड़ाव पूरा किया है, सफर तो 20 वर्ष पूर्व ही शुरू हो चुका था। पूर्वी भारत मे इस रोग का नाम तो सब जानते थे, अंतर्राष्ट्रीय मानकों और आधुनिकतम तकनीक आधारित डायग्नोसिस एवं उचित जांच द्वारा सत्यापित उपचार की आवश्यकता हमेशा से थी।
बिहार को सेवा करने और अपनी उपलब्धता सुनिश्चित करने का मन पहले से बना चुका था, शुरुआत मे मरीजों से मिलने पर पता चला कि कैंसर सिर्फ एक व्यक्ति की बीमारी नहीं है , वरन इसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव तो मरीज के परिवार, या कई बार तो कई पीढ़ी तक पड़ जाता है।” डॉ वी पी सिंह बताते हैं कि वे बतौर सर्जिकल ऑनकोलॉजिस्ट वर्ष 97-99 मे टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई में योगदान के दौरान ही बिहार मे काम करने का मन बना चुके थे। बिहार आने के बाद वे बिहार
के प्रसिद्ध IGIMS के रिजनल कैंसर संस्थान में जुड़े और वहाँ पहली बार सर्जिकल ऑनकोलॉजी विभाग की शुरुआत करने में महति भूमिका निभाई। तदोपराँत वे महावीर कैंसर संस्थान में भी सर्जरी ऑनकोलीजी विभाग की स्थापना में भी अपना योगदान दिया। बीमारी के इलाज के साथ साथ समाज
को इसके कारणों और निवारण के प्रति जागरूक करने के उद्देश एवं बिहार मे एक छत के नीचे कैंसर जैसी बीमारी के लक्षण को पहचान करने, इसके समुचित जांच और चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एक बड़े केंद्र की स्थापना की जरूरत महसूस गयी।