अयोध्या। द न्यूज़।(विद्रोही)। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतंत्र के एक चक्रवर्ती राजा की भूमिका निभाते हुए अयोध्या में राममन्दिर निर्माण की आधारशिला रखने जा रहे हैं। सदियों से परंपरा चली आ रही है कि जो राजा चाहता है वही होता है। आप अपने को कितना भी बुद्धिमान शक्तिमान मानिए। अपने कुल वंश पर इतराईये पर भाट चारण की तरह इस समय गीत गाईये। चक्रवर्ती राजा आ गए हैं। यूपी के मंत्री संतरी सब गीत गाईये। अयोध्या में ‘नरेंद्र’ आये हैं। आप भाट की तरह गीत गा रहे हैं। ये एक कटु सच्चाई है।
आज नरेंद्र मोदी ने रामायण व महाभारत से अलग इरिहास लिख दिया है। मायने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में नेतृत्व की क्षमता है। ये अतिशयोक्ति नहीं है। जयतु नरेंद्र मोदी ! हर राजा के काल में राजा के अनुसार इतिहास लिखा जाता रहा है। मजाल नहीं है कि भाट चारण अपने अनुसार इतिहास लिख दे। फिलहाल आईये राममन्दिर की खुशी में जश्न मनाए। आप उम्मीद मत कीजिये कि खबर भी भाट की तरह लिखी जाएगी!
तय कार्यक्रम के तहत भूमि पूजन का कार्यक्रम पांच अगस्त को सुबह 8 बजे शुरू होगा जिसमें प्रधानमंत्री मोदी तकरीबन 12 बजे दिन में श्री राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे।प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजकर दस मिनट तक 2 घंटा 10 मिनट तक अयोध्या में रहेंगे।भूमि पूजन में प्रधानमंत्री मोदी 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला का पूजन करेंगे और इसे मंदिर की नींव में स्थापित करेंगे जिसके साथ ही श्री राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ हो जाएगा
प्रधानमन्त्री मोदी को राम मंदिर निर्माण के नायकों में से एक बताते हुए बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ जायसवाल ने कहा “ 1990 में जब आडवाणी जी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए रथ यात्रा निकालने की घोषणा की थी तब मोदी जी उस रथ यात्रा के सारथी थे। उन्होंने ही सोमनाथ से शुरू होने वाली उस रथ यात्रा की पूरी योजना बनाई थी। उस समय मोदी जी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे और उनपर ही रथ यात्रा की सारी तैयारियों और भीड़ के नियंत्रण की जिम्मेदारी थी। यात्रा के दौरान मोदी जी ने पर्दे के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यहां तक कि कोई भाषण भी नहीं दिया. उन्हें आधिकारिक कार्यक्रमों और यात्रा मार्ग के बारे में बताने का काम सौंपा गया था।