पटना । द न्यूज़।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दिल्ली से पटना लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर कल हमलोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात की है। मेरे नेतृत्व में 10 पार्टियों के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। प्रधानमंत्री जी के साथ प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात करीब 40-45 मिनट चली जिसमें सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी बातें रखी। सभी नेताओं ने कहा कि जातीय जनगणना होनी चाहिए क्योंकि इसका बहुत लाभ है और यह सभी के हित में है। प्रधानमंत्री जी ने सभी की बातों को ध्यानपूर्वक सुना है। हमलोगों ने अपनी बात रख दी है, अब निर्णय प्रधानमंत्री जी को लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में बिहार विधानसभा और विधान परिषद् के द्वारा तथा वर्ष 2020 में विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को हमलोगों ने पहले ही पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री जी के पास भेज दिया था। जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार के सभी दल एक साथ हैं। बिहार विधानसभा और विधान परिषद् में सर्वसम्मति से इसको लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था और प्रधानमंत्री जी से मिलने भी सभी 10 दलों के प्रतिनिधि साथ में गये थे। जातीय जनगणना को लेकर बिहार में सभी लोगों की राय एक ही है। जातीय जनगणना उपयोगी है और देश के हित में है।
सीएम ने कहा कि देश में आखिरी बार अंग्रेजों के जमाने में वर्ष 1931 में जातीय जनगणना हुई थी। अभी तक उसी जातीय जनगणना को आधार मानकर चला जा रहा है, ये उपयुक्त नहीं है। एक बार जरुर जातीय जनगणना करा लेनी चाहिए। इससे सभी लोगों को लाभ होगा और सरकार को भी पूरी जानकारी मिलेगी कि किस जाति समूह की कितनी जनसंख्या है और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए क्या किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से हमलोगों ने आग्रह किया कि जातीय जनगणना सबके हित के साथ-साथ सरकार के भी हित में है, इसलिए इस पर ध्यान दिया जाए। यह सिर्फ बिहार का मामला नहीं है, देश भर का मामला है। यह बात सिर्फ बिहार से नहीं बल्कि सभी राज्यों से उठ रही है, यह सबलोगों की इच्छा है। हम समझते हैं कि इस पर जरुर केंद्र सरकार गंभीरतापूर्वक विचार करेगी। निर्णय लेने का हक तो प्रधानमंत्री जी का है लेकिन हमलोगों ने अपनी पूरी बात उनके समक्ष विस्तृत रूप से रख दी है कि इससे क्या-क्या लाभ होगा। जनगणना अभी शुरू नहीं हुई है, शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री जी निर्णय लेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट एवं सड़कों के निजीकरण को लेकर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर हमलोगों ने हर तरह से सहयोग किया है।