पटना ( द न्यूज़)। एक तरफ बिहार ही नहीं पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है दूसरी तरफ बिहार में संभावित बाढ़ की विभीषिका डरा रही है। आने वाले समय में चौतरफा चुनातियों को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में संभावित बाढ़ को लेकर अधिकारियों से मंत्रणा की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों की लगातार 5 घंटे तक समीक्षा की।
समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि संभावित बाढ़ से बचाव की सारी तैयारियाॅ पूर्व से ही रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों के लिये आपदा राहत केन्द्र बनाये जायेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुये आपदा राहत केन्द्रों पर बाढ़ प्रभावितों को रखने में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें। सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बाढ़ प्रभावितों के लिये इस बार ज्यादा संख्या में आपदा राहत केन्द्र स्थापित करने होंगे। साथ ही आपदा राहत केन्द्रों पर लोगों के लिये चिकित्सा की व्यवस्था की जाय। राहत शिविरों में मेडिकल स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमितों के लिये आइसोलेशन सेंटर्स चलाये जा रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ानी पड़ सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य एवं अन्य राहत सामग्रियों के दर का निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ताआंे का चयन निश्चित रूप से कर ली जाय। सभी प्रमण्डलीय आयुक्त इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान पशुओं के लिये भी दवा एवं चारे की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। पशुचारे की दर निर्धारित की जाय। पशु शिविर संचालन के लिये भी सभी आवश्यक व्यवस्थायें पूरी कर लीं जाय। उनकी चिकित्सा की भी समुचित व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय जीवन रक्षक दवाआंे के साथ-साथ सर्पदंश एवं एंटीरेबिज की दवाओं की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि पटना के साथ-साथ अन्य शहरों में भी बेसहारा पशुओं को रखने के लिये गौशालाओं की समुचित व्यवस्था की जाय। आवश्यकतानुसार गौशालाओं की क्षमता बढ़ायी जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को राहत पहुॅचाने के लिये जो भी कार्य किये जाने हैं, संबंधित विभाग उसकी पूरी तैयारी पहले से कर लें। एस0ओ0पी0 के अनुसार सारी तैयारियाॅ की जाय ताकि किसी को भी कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि हमारी चिंता आपदा पीड़ितों के लिए है। इनकी राहत के लिए जो भी संभव है, हर तरह की मदद ईमानदारी से करते हैं। सीमित संसाधन होने के बावजूद हर जरुरी मदद दी जाती है। सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राशि की व्यवस्था हेतु सभी तैयारी पूर्व में ही कर ली जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलजमाव से निपटने के लिये नगर विकास विभाग सभी नगर निकायांे को पर्याप्त आवंटन निर्गत करे। नगर निकायों में संसाधन की कमी नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि नेपाल से जुड़ी लंबित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष पटना में जलजमाव के कारण हुई परेशानी को देखते हुए इस वर्ष विशेष तैयारी रखें और सतर्कता बरतें। क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुरुप जलजमाव को रोकने हेतु सभी आवश्यक कदम उठायें। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तर्ज पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज हेतु समुचित कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी में जलस्तर ऊंचा होने पर फ्लड की स्थिति में टाल क्षेत्र में फंसे लोगों तथा सोन नदी से बाढ़ की स्थिति में दियारा के लोगों को बाहर निकालकर उन्हें सुरक्षित रखने हेतु सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 टीम की तैनाती के साथ-साथ मुख्यालय में रिजर्व टीम भी रखें। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान नावों के परिचालन के लिए दर का निर्धारण सुनिश्चित करें। सरकार द्वारा नाव परिचालन की व्यवस्था की जा रही है। सभी नावों पर निःशुल्क सेवा अच्छी तरह से लिखकर अंकित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के पूर्वानुमान प्रणाली को और सुदृढ़ करें। इसका लोगों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि बाढ़ एवं वज्रपात से संबंधित पूर्व जानकारी लोगों को उपलब्ध हो सके और उन्हें इसका फायदा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 एक आपदा है, इसकी अद्यतन स्थिति को लेकर निरंतर समीक्षा भी हो रही है। सभी जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं सब लोगों के सहयोग से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर जरुरी कदम उठाये जा रहे हैं। अधिक से अधिक टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जा रही है, आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है। बिहार में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर अपने आप में यूनिक हंै। क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले एक व्यक्ति पर सरकार 5,300 रुपये खर्च कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के साथ-साथ हमें बाढ़ से भी लड़ना पड़ सकता है। दोनों कार्य चुनौतीपूर्ण होगा, पर आपलोगों ने हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है।
समीक्षा के क्रम में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक श्री विवेक सिन्हा ने मौसम पूर्वानुमान एवं राज्य में माॅनसून की स्थिति को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष माॅनसून सामान्य एवं उससे अधिक रहेगा। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।