जदयू में भूचाल। बिहार में खेला होबे। नया समीकरण शीघ्र

पटना। द न्यूज़। महाराष्ट्र की राजनीति में उलटफेर के बाद अब बिहार की राजनीति में भी बवंडर मच गया है। जिस तरह से भ्रष्टाचार का आरोप लगने पर नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव से बिंदुवार जवाब मांग लिया था उसी तरह से आरसीपी से 40 बीघा जमीन खरीदारी मामले में बिंदुवार स्पष्टीकरण मांग लिया गया। बस क्या था आरसीपी आगबबूला होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिये। इतना ही नहीं, आरसीपी ने नई पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। जाहिर है आरसीपी अब नीतीश की घेरेबंदी करेंगे। वक्त का इंतजार कर रही भाजपा को नया ‘शिवसेना’ मिल गया है। अब खेला होबे। बरोबर होबे।

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एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपने सैकड़ो सर्मथकों के साथ जदयू से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष केनाम भेजे पत्र में कहा कि वे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते है। उनके साथ जदयू के शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष डॉ कन्हैया सिंह व व्यावसायिक प्रकोष्ठ क ेपूर्व अध्यक्ष उपेन्द्र विभूति ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया है साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत दिया है।आरसीपी सिंह ने कहा कि साजिश के तहत आरोप लगाया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कार्यकतार्ओं से भी साथ चलने का आह्वान किया है। आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू डूबता हुआ जहाज है। जदयू में अब बचा क्या है, अब तक जदयू का झोला उठाकर क्या करूंगा। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू सिर्फ गणेश परिक्रमा करने वालों की ही पार्टी बनकर रह गई है।आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि राज्यसभा टिकट काटे जाने से पहले उन्होंने बात तक नहीं की। कोई कटसी भी नहीं निभाई, यह कहने की कि आपका टिकट काटा जा रहा है। आरसीपी सिंह ने कहा कि बार-बार यह कहा जा रहा था कि राज्यसभा में आरसीपी सिंह के दो टर्म हो चुके हैं। तो मैं पूछता हूं कि यह नियम तो और लोगों पर भी लागू होता है। सीएम नीतीश का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि खुद कितने टाइम से रह रहे हैं। नियम तो सभी पर बराबर लागू होगा। आरसीपी सिंह ने कहा कि मैंने सारी बातों पर सोच-विचार कर फैसला किया है। फिलहाल मैं मीडिया के माध्यम से इस्तीफा देने की घोषणा करता हूं, इसके तुरंत बाद में पार्टी को पत्र भी भेज दूंगा। मैंने पिछले कई महीनों से देखा है कि पार्टी में अब कुछ नहीं बच गया है। पार्टी में एक कार्यक्रम तक नहीं हो रहा। पिछला कार्यक्रम मैंने पिछले वर्ष 4 जुलाई को किया था। पार्टी कार्यकतार्ओं का क्या हाल बना कर रखा गया। आरसीपी सिंह ने कहा कि बिना कुछ सोचे-समझे पार्टी ने मुझे पत्र भेज दिया, मुझसे व्यक्तिगत रूप से पूछा भी जा सकता था। मगर पार्टी ने ऐसा नहीं किया।