भाजपा की मोकामा में क्यों नहीं हुई पूरी मनोकामना। भाजपा नेता ने ही भाजपा को हराया। जानिए बिहार भाजपा का हाल

पटना। द न्यूज़। मोकामा विधानसभा का उपचुनाव भी भाजपा की झोली में आ सकती थी पर भाजपा के कुछ भूमिहार नेताओं ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को जिताने में भरपूर साथ दिया। बिहार के केंद्रीय मंत्री हो या कोई अन्य दबंग भूमिहार नेता ने भाजपा उम्मीदवार को जिताने के लिए मुहिम नहीं चलाया। अंनत सिंह की पत्नी करीब 17 हजार मतों से जीती। यदि भाजपा के भूमिहार नेता जोर लगाते तो जीत भाजपा की झोली में आनी तय थी। याद रहे भाजपा के पूर्व महामंत्री व भूमिहार नेता सुधीर शर्मा ने तो प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बाहुबली भूमिहार नेता अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को जिताने के लिए पत्र जारी किया। भूमिहार नेता चाहते थे कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भूमिहार समाज के नेता ललन सिंह की प्रतिष्ठा बचे और भाजपा में भूमिहारों का दबाव कायम रहे। भाजपा के सभी भूमिहार नेता बयान दे रहे हैं कि मोकामा में अनंत सिंह की जीत हुई है न कि राजद की। ध्यान रहे प्रदेश भाजपा में फिलहाल गुटबाजी चरम पर है। मिठाई व खुशियां बांटने सभी एक साथ दिखाई देते हैं पर अकेले प्रतिद्वंद्वी मिल जाये तो गरियाने लगते हैं। भाजपा के शीर्ष नेता खुद बिहार भाजपा पर ध्यान नहीं देंगे तो मामला विस्फोटक हो सकता है। पहली बार यहां भाजपा तीन चार हिस्से में बंटी नजर आ रही है। कुछ नेताओं को तो अपनी पार्टी से अधिक स्वार्थ दिखता है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव तक यदि प्रदेश भाजपा में परिवर्तन नहीं हुआ तो भाजपा को एक एक सीट के लिए लाले पड़ सकते हैं।महागठबंधन 40 सीटों पर विजय पताका लहरा सकता है। गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में साधु, ओबैसी व नीतीश से नाराजगी के बदौलत भाजपा जीती है। जीत भी बहुत कम वोटों से हुई है।इसमें मौजूदा प्रदेश भाजपा नेताओं का कोई रोल नहीं है। आगे कुढ़नी विधानसभा का उपचुनाव है।