पटना। द न्यूज़। लोजपा मुखिया चिराग पासवान ने दिल्ली से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कोई भी कमजोर मामला सामने आते ही चिराग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरना शुरू कर देते हैं। एक समय उन्होंने बयान दिया था कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और वह बिहार में एनडीए नेतृत्व के बारे में जो फैसला लेगी उसे मानेंगे। चिराग के इस बयान पर जदयू ने आंखे तरेरी थी। चिराग कोरोना संकट में बिहार में चुनाव न कराने के पक्ष में हैं। नीतीश सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने चिराग को जलील करते हुए बयान दिया था कि जो कमजोर विद्यार्थी होता है वह परीक्षा से भागता है। चिराग ने इसकी शिकायत केंद्र में बैठे शीर्ष नेता से कर बयान देने वाले नेता की खिंचाईं करा दी थी।
अलबत्ता मामला इस बार जो चिराग ने उठाया है वह उनके लोकसभा क्षेत्र का है जमुई के अंतर्गत शेखपुरा निवासी रंजीत कुमार पिता स्व0 नन्द किशोर प्रसाद, वार्ड नं0 06, पोस्ट व थाना शेखपुरा का है जिनका कैंसर का इलाज 6 माह से मुम्बई में चल रहा था। 25 जून 2020 को महावीर कैंसर संस्थान यह अपने चेकप लिए गए थे जहां इनका कोरोना जांच हुआ रिर्पोट पाॅजिटिव पाया गया।उसके बाद रंजित को शेखपुरा आइसोलेशन सेंटर में रखा गया लेकिन शेखपुरा आइसोलेशन सेंटर से पटना एन॰एम॰सी॰एच॰ के लिए रेफ़र कर दिया गया जिसके बाद 3 जुलाई 2020 को एनएमसीएच हाॅस्पीटल में इनको भर्ती करवाया गया।अचानक 6 जुलाई 2020 को जब इनके परिवार वाले हाॅस्पीटल में मिलने गये तो वहां श्री रंजीत कुमार हाॅस्पीटल में मौजूद नही थे तभी से रंजित का परिवार हॉस्पिटल के चक्कर लगा रहा है।रंजित की धर्मपत्नी अनिता चिराग के 18 जुलाई में आयी हैं और तब से सम्पर्क में है और अपने पति को पाने की लड़ाई प्रदेश सरकार और अस्पताल प्रशासन से लड़ रही है। चिराग ने इस विषय पर पी॰एम॰सी॰एच॰ के सुप्रिटेंडेंट डी॰एम॰ शेखपुरा से मामले की जानकारी विस्तार से ली है और अनिता की बात भी सबके सामने रखी है लेकिन कोई मदत परिवार को सरकार से मिलती नहीं दिख रही है। यह घटना अस्पताल प्रशासन के उपर बड़ा सवाल उठता है कि मरीज़ कहाँ ग़ायब हो गया है। परिवार आरोप है कि रंजित की मौत की हो गई है जिसे अस्पताल आँकड़े बढ़ने डर से छुपा रहा है। इस मामले की जाँच के लिए चिराग ने सी॰एम॰ मुख्यमंत्री को भी दिया है।