पटना। द न्यूज़। स्व. ललित नारायण मिश्र जी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 01 अणे मार्ग स्थित ‘ लोक संवाद ‘ में स्व. ललित नारायण मिश्र जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें शत् – शत् नमन किया एवं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।
उधर आज ललित नारायण मिश्र कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट , मुजफ्फरपुर में 99 वीं ललित जयन्ती – सह – वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न संकाय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारीगण ने ललित बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । इस अवसर पर महाविद्यालय के कुलसचिव डॉ . कुमार शरतेन्दु शेखर ने बताया कि महाविद्यालय आगामी फरवरी 2023 तक ” ललित जयन्ती शताब्दी वर्ष ” के रूप में मनायेगा । जिसमें विशेष रूप से उन शैक्षणिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु प्रतिबद्ध होगा , जो छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा के साथ उनमें मानवीय मूल्य , सामाजिक सरोकार और निर्णय क्षमता विकसित करने में विशेष रूप से सहायक होगी । महाविद्यालय की स्थापना और सामाजिक विकास पर विचार व्यक्त किये । महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ . श्याम आनन्द झा ने संस्थापक अध्यक्ष डॉ . जगन्नाथ मिश्र की दूरदर्शी सोच और महाविद्यालय के संस्थागत मूल्यों पर विचार रखा । कार्यक्रम के अवसर पर ” उच्च शिक्षा में मानवीय मूल्य एक सुदृढ़ और उन्नत समाज की स्थापना ” विषय पर ऑनलाईन वेबिनार का आयोजन किया गया । वेबिनार की प्रमुख वक्ता के तौर पर एआईसीटीई के मूल्य शिक्षा कार्यकारिणी की सदस्या डॉ . उपासना मिश्रा जी आमंत्रित थी । विषयपरक आख्यान में डॉ . मिश्रा ने कहा कि मनुष्य के जीवन का ध्येय मानवीय अवचेतना की जागृति सुनिश्चित करना है और इसके लिए निरंतर आत्म अन्वेषण की आवश्यकता है । इसके माध्यम से मनुष्य अपने निरंतर सुख को सुनिश्चित कर सकता है । आख्यान में उन्होंने समाज के समग्र विकास हेतु शिक्षा में मानवीय मूल्य प्रदान करने वाले उन तत्वों की चर्चा की जो उसे पाशविक प्रवृतियों से अलग करती है । संभाषण को विराम देते हुए उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चर्चा करते हुए कहा कि इस नीति के द्वारा छात्रों और समाज में मानवीय संबंध , समझदारी और सुविधा – संग्रह की विवेकशील निर्णय क्षमता विकसित होगी । कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ . शंकर कुमार सिंह झा ने किया । इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी संकाय के शिक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे ।