पटना ( द न्यूज़)। कांग्रेस को कश्मीर समस्या की जननी बताते हुए भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा कि“ आज देश में जो कश्मीर समस्या है वह सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की देन है। भारत के विभाजन के समय इसका हल निकाल पाने में जवाहरलाल नेहरू की असफलता की देश आज तक भारी कीमत चुका रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पिछड़ों के नेता श्री रंजन ने कहा कि याद करें तो आजादी के बाद से आज तक कांग्रेस ने कभी भी खुल कर कश्मीर पर अपना स्टैंड साफ़ नहीं किया है। आज 370 हटाने के ऐतिहासिक फैसले पर भी इनकी पार्टी विरोध में खड़ी है। दरअसल इस मामले में कांग्रेस के पास कभी भी न तो साहस रहा और न ही दूरदर्शिता रही, इसके अलावा शेख अब्दुल्ला के साथ नेहरु जी की दोस्ती भी एक बड़ा कारण थी, जिसके कारण सरदार पटेल, अंबेडकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे दिग्गजों के विरोध के बावजूद कांग्रेस इस मुद्दे पर कदम पीछे खींचती रही। जिस धारा 370 को अंबेडकर ने देश के साथ गद्दारी बताते हुए मसौदा लिखने से इंकार कर दिया था, उसे कांग्रेस ने सिर्फ शेख अब्दुल्ला को खुश करने के लिए कश्मीर में लागू किया और आज तक बनाए रखा था। कांग्रेस की इन नाकामियों का परिणाम देश और कश्मीर की जनता आज तक भोग रही है। याद करें तो 1948 में कश्मीर में जब भारतीय फौज कबाइली हमलावारों को खदेड़ रहे थे तो नेहरू जी ने एकाएक संघर्ष विराम की घोषणा कर दी। आज तक यह कोई नही जान पाया है कि यह फैसला अचानक क्यों लिया गया। लोग बताते हैं कि अगर ऐसा न किया गया होता तो आज कश्मीर का कोई मुद्दा ही नहीं होता।जानकारों के अनुसार नेहरू जी ने देश के ऊपर अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को तरजीह देते हुए यह फैसला लिया था।
इसके बाद 1971 में भी भारत ने कश्मीर मुद्दे को हल करने का मौका गंवा दिया था।