सावधान पत्रकारों!मंत्री के नाम के पहले माननीय लगाकर बात करें, नहीं तो खैरियत नहीं।अश्वनी चौबे की छवि खराब कर रहे उनके ही समर्थक व कर्मचारी। रिपोर्टर को माननीय कहने की दी हिदायत

पटना। द न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिर पार्टी और अपने मंत्रियों को कहां कहां संभालेंगे। कुछ कृत्य ऐसे हो रहे जिससे जनता नाराज होती जा रही है। मंत्री चाहते हैं कि जनता का भला हो पर उनके कुछ खास छवि खराब कर रहे हैं। मामला केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे से जुड़ा है। चूंकि मंत्री जी के जिम्मे स्वास्थ्य महकमा है इसलिए बिहार से कई लोगों की उम्मीद रहती है कम से कम दिल्ली एम्स में असाध्य रोग का इलाज हो जायेगा। जानकारी के मुताबिक बिहार के लोगो की सुविधा के लिए मंत्री जी ने कुछ लोगों को विशेष जिम्मेदारी भी दी है पर ऐसे लोगों से बात करने पर तीखा अनुभव बहुत मिलता है। एक रिपोर्टर ने मंत्री जी के आदमी को सहायता के लिए दिल्ली फोन किया। उस रिपोर्टर को चौबे जी के मीडिया सलाहकार ने नंबर दिया था। लेकिन जैसे ही रिपोर्टर ने सहायता के लिए मीडिया सलाहकार द्वारा दिये अखिलेश के नंबर पर फोन लगाया अखिलेश बिदक गए। कहा, आपने माननीय कहकर चौबे जी को क्यों नहीं संबोधित किया। आप केवल मंत्री जी क्यों संबोधित किये। जाहिर है ये सख्त कॉलर ऊंचा करना चाह रहा था।बस, क्या था माननीय नहीं कहने पर रिपोर्टर का इलाज नहीं हो सका। दिल्ली बुलाकर फजीहत किया गया।

इतना ही नहीं जब मंत्री जी के आदमी अखिलेश ने बेरुखी दिखाई तो रिपोर्टर ने मंत्री जी के एक अन्य करीबी पंकज का फोन खटकाया। पंकज जी ने बड़ी सहृदयता से बात की। कहा, डॉक्टर से परामर्श करा देंगे। कोई बड़ी बात नहीं। ज्ञात हो कि एक रिपोर्टर अपने सहयोगी एक रिपोर्टर के इलाज के लिए पहल कर रहा था। पंकज जी ने कहा दिल्ली आने से दो दिन पहले हमें सूचना दे। उन्होंने कहा डॉक्टर से बात भी हो गयी है। रिपोर्टर ने 21 दिसंबर को आरक्षण करा 22 तारीख़ को दिल्ली दस्तक दे दी। लेकिन दिल्ली जाते ही सारे लोगों ने धोखा दे दिया। रिपोर्टर दर दर भटकता रहा। कोई काम नहीं आया। रिपोर्टर अंत में किसी अन्य की सहायता से दिल्ली बैठा है। रुपये भी काफी खर्च हो गए हैं। यदि कोई अनिष्ट हो जाये तो प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी को कितनी दुआ मोलेंगी! चौबे जी को कितनी दुआ मिलेगी। चूंकि पटना एम्स में पैंक्रियास का सही इलाज नहीं उपलब्ध था इसलिए रिपोर्टर ने दिल्ली की राह पकड़ी। ऐसी है केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के लोग और ऐसी व्यवस्था। मंत्री जी ध्यान दें। बिहार की जनता कब तक धोखा खाएगी।