पटना ( द न्यूज़)। राजधानी में जलजमाव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जवाब दे रहे हैं। जवाब में मुम्बई समेत विदेशों के उदाहरण दिए जा रहे हैं। इस बीच पीछे से एक महिला पत्रकार लगातार सवाल दागे जा रही है पर कोई सुनवाई नहीं। अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उस महिला पत्रकार पर ही सवाल उठा देते हैं। दिल्ली से यहां भेजी गई है। उस चैनल के स्थानीय रिपोर्टर यहां नहीं आया।
यहां सवाल उठता है आखिर दिल्ली से पत्रकार यहां क्यों नहीं आएंगे। दिल्ली के पत्रकार क्यों सवाल नहीं पूछेगें। क्या अब नेता तय करेंगे कि उनके पास कौन पत्रकार भेजे जाएं। क्या यहां के कुछ पत्रकार पोशुआ हो गए हैं जिन्हें नेता, मंत्री अपने पोशुआ पत्रकार को खोज रहे हैं। मतलब साफ है कि ‘पोशुआ’ कड़े सवाल नहीं पूछेगा। यह पत्रकारों के अंतरमन की परीक्षा की घड़ी है। ‘पोशुआ’ भले ही अपने कॉलर ऊपर चढ़ा कर चले पर जनता व बुद्धिजीवी पत्रकारों के बीच उनका पोशुआ चरित्र उजागर हो गया है।