अब SSB, RRB,IBPS के लदे दिन। साल में 1.25 लाख सरकारी नौकरियों के लिए आया NRA। जानिए विस्तृत में

नई दिल्ली। द न्यूज़। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के रूप में ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी नियुक्ति सुधार के पारित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के युवाओं के बीच पहुंचे और कहा कि यह पहल करोड़ों युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि इससे तमाम तरह की परीक्षाएं देने की जरूरत नहीं होगी जिससे कीमती समय और संसाधनों की भी बचत होगी। श्री मोदी ने यह भी कहा कि एनआरए की स्थापना से पारदर्शिता को भी काफी बढ़ावा मिलेगा जो उनके प्रशासन मॉडल का केंद्र बिंदु है। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) नामक मल्टी-एजेंसी संस्था ग्रुप बी और सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करेगी। एनआरए में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/ वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

वर्तमान में केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए उम्मीदवारों को अलग- अलग परीक्षाएं देनी होती हैं जो विभिन्न एजेंसियों द्वारा आयोजित की जाती हैं। हर साल केंद्र सरकार में लगभग 1.25 लाख रिक्त पदों के लिए औसतन 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार उपस्थित होते हैं। लेकिन अगले साल से एनआरए एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करेगा और सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर कोई भी संबंधित एजेंसी में रिक्ति पदों के लिए आवेदन कर सकेगा। इस प्रकार समय और संसाधनों की बचत के अलावा यह रोजगार की तलाश करने वाले लाखों लोगों के जीवन को सरल बनाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम से कम नहीं है।गौरतलब है कि पिछले छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रशासनिक सुधारों के लिए कई कई कदम उठाए गए और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसी क्रम में दस्तावेजों को किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित कराने की पुरानी प्रथा को खत्म करते हुए स्व-सत्यापन का प्रावधान किया गया। इसके अलावा इसमें निचले स्तर के कर्मचारियों के चयन के लिए साक्षात्कार को खत्म करना, 1500 से अधिक अप्रचलित नियमों/ कानूनों को समाप्त करना, आईएएस अधिकारियों के लिए उनके करियर की शुरुआत में तीन महीने के लिए केंद्र सरकार में सहायक सचिव के रूप में अनिवार्य कार्यकाल, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन और प्रधानमंत्री के उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए नया प्रारूप आदि शामिल हैं।
लेकिन एनआरए एक अनोखा मॉडल है क्योंकि इसे सरकारी भर्ती प्रक्रिया में उल्लेखनीय बदलाव सुनिश्चित होगा। साथ ही यह मोदी सरकार के ‘युवा रोजगार आकांक्षियों के लिए जीवन की सुगमता’ संबंधी मंत्र के अनुरूप भी है जिसके तहत सरकार उम्मीदवारों के लिए भर्ती, चयन और नौकरी बदले में सुगमता सुनिश्चित करना चाहती है। कुल मिलाकर, विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का आयोजन न केवल उम्मीदवारों के लिए बल्कि संबंधित भर्ती एजेंसियों के लिए भी एक बड़ा बोझ होता है क्योंकि इसमें अनावश्यक खर्च, कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा और जगह संबंधी तमाम समस्याएं शामिल होती हैं। इसलिए, एनआरए अपनी मूल भावना में उम्मीदवारों के लिए कम लागत और सुविधा का एक संयोजन है।

परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में सुगमता

देश के प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्र तक दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले अभ्यर्थियों के पहुंचने के लिए सुविधाओं को बेहतर किया जाएगा। साथ ही देश के 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा संबंधी बुनियादी ढ़ांचे के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि अभ्यर्थियों को उनके निवास स्थान से समीप के परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में आसानी हो सके। यह विशेष तौर पर पहाड़ी, ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले करोड़ों उम्मीदवारों के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिला अभ्यर्थियों को अलग-अलग समय में विभिन्न केंद्रों पर इस तरह की परीक्षा देने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन अब उन्हें लागत, प्रयास, सुरक्षा आदि के संदर्भ में काफी फायदा होगा। नौकरी के अवसरों को लोगों के करीब ले जाना एक बुनियादी कदम है जो युवाओं के लिए जीवन जीने में सुगमता को बेहतर करेगा। एनआरए के जरिये ग्रामीण युवाओं के लिए मॉक टेस्ट आयोजित करने की भी परिकल्पना की गई है और इसका 24×7 हेल्पलाइन एवं शिकायत निवारण पोर्टल होगा।

स्कोर की सुगमता – सीईटी स्कोर तीन साल के लिए वैध होगा, प्रयासों पर कोई रोक नहीं

एनआरए- सीईटी की संयुक्त पहल की एक अन्य बड़ी विशेषता यह है कि उम्मीदवार का सीईटी स्कोर परिणाम की घोषणा की तारीख से अगले तीन साल की अवधि के लिए वैध रहेगा। सर्वश्रेष्ठ वैध स्कोर को ही उम्मीदवार का वर्तमान स्कोर माना जाएगा। सीईटी में शामिल होने के लिए उम्मीदवार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं होगी लेकिन वह उम्मीदवार की ऊपरी आयु सीमा पर निर्भर करेगा। हालांकि अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार ऊपरी आयु सीमा में छूट दी जाएगी। यह उम्मीदवारों के लिए काफी सुविधाजनक होगा क्योंकि फिलहाल उन्हें इन परीक्षाओं की तैयारी करने और उनमें शामिल होने के लिए हर साल काफी मेहनत करनी पड़ती है जिससे उनके समय और धन की बर्बादी होती है।

परीक्षा का मानकीकरण

एनआरए सभी गैर- तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्चतर माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिकुलेट (10वीं पास) उम्मीदवारों के लिए तीन स्तरों के लिए एक अलग सीईटी आयोजित करेगा। वर्तमान में उन पदों के लिए परीक्षाओं का आयोजन कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा किया जाता है। सीईटी स्कोर स्तर पर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर अंतिम चयन के लिए संबंधित भर्ती एजेंसियों द्वारा विशिष्ट स्तरों (II, III आदि) पर अलग-अलग परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इस परीक्षा का पाठ्यक्रम एक जैसा होगा जो मानक होगा। इससे अभ्यर्थियों का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा क्योंकि वर्तमान में उन्हें अलग-अलग पाठ्यक्रमों के अनुसार अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करनी पड़ती है।

परीक्षा और परीक्षा केंद्र चुनने में सुगमता

उम्मीदवारों को एक साझा पोर्टल पर पंजीकरण करने और केंद्रों का विकल्प देने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें केंद्र आवंटित किए जाएंगे। इसका अंतिम उद्देश्य एक ऐसे चरण तक पहुंचना है जहां उम्मीदवार खुद अपनी पसंद के केंद्रों पर परीक्षा दे सकें।

विभिन्न भाषाओं की सुगमता-सीईटी विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध होगी। इससे देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले के लोगों को परीक्षा देने में काफी सुविधा होगी और उन्हें चयन के लिए समान अवसर मिलेगा। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 12 अन्य भाषाओं में इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। साथ ही संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं को इसमें शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। शुरुआत में सीईटी स्कोर का उपयोग तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। जबकि समय के साथ-साथ इसे केंद्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियों द्वारा अपनाए जाने की उम्मीद है।इसके अलावा यदि सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियां भी चाहें तो इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। इस प्रकार, सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के अनुरूप दीर्घावधि में सीईटी स्कोर को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। – आभार पीआईबी