नई दिल्ली। एक बात स्पष्ठ हो गया है। जो मौजूदा स्थिति में नमो नमो नहीं करेंगे उन्हें भुगतना पड़ेगा। हो सकता है जेल भी जाना पड़े। अब तो सबके अंदर की बात भी टेप कर सबूत के तौर पर रख ली गयी है। यहां नमो से मतलब किसी व्यक्ति से नहीं है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है। जिस तरह शिव की वंदना में नमो शिवाय कहा जाता है वैसा ही अभिप्राय इस खबर में नमो से है। बड़ी खबर यह है कि देश के सबसे बड़े हिंदी समाचार पत्र समूह दैनिक भाष्कर के कई कार्यालयों व इसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारे गए हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार दैनिक भास्कर के जयपुर, भोपाल व अहमदाबाद कार्यालय पर आयकर विभाग का छापा पड़ा है।
बहरहाल अबतक जो समाचार पत्र खबर बनाया करता है वह खुद आज समाचार की सुर्खियों में आ गया है। तीन स्थानों के अलावा अन्य स्थानों पर भी छापे मारने की सूचना है। सरकार की तरफ से यह सूचना मिल रही है कि दैनिक भास्कर ने टैक्स की चोरी की है। अनियमितता के कारण छापेमारी चल रही है। दूसरी वजह यह दी जा रही है कि दैनिक भास्कर ने इस कोरोना काल में केंद्र सरकार की कलई खोल दी है। सरकार की नाकामियां उजागर कर उसके नाक में दम कर दिया है। भास्कर ने निर्भीक होकर सत्य को सामने लाया। इसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी है। कई जगह उसके विज्ञापन रोक लिए गए फिर भी भास्कर ने समझौता नहीं किया। छापेमारी के मामला आज राज्यसभा में भी उठा है। केंद्र सरकार को जहां भी लग रहा है उसके हिसाब से काम नहीं चल रहा है वह ब्रेकर बनकर सामने खड़ी हो जा रही है। लिहाजा, सब भगवान भरोसे है। ऊपर देखिए! और नमो नमो कीजिये। यूपी में अगले वर्ष चुनाव है। यहां भारत वर्ष समाचार को निशाना बनाया गया है। बृजेश मिश्र इसके एडिटर हैं।