पटना। द न्यूज़। ( विद्रोही)। आखिरकार महागठबंधन चटक गया। पूर्व मुख्यमंत्री व महागठबंधन के घटक दल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी तेजस्वी यादव को बाय बोल महागठबंधन से रिश्ता तोड़ दिए हैं। मांझी ने महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग रखी थी, किन्तु कई बार अल्टीमेटम देने के बाद भी समिति का गठन नहीं हुआ। आज मांझी ने अपनी पार्टी की कोर कमिटी की बैठक बुलाई और मैराथन बैठक के बाद महागठबंधन से नाता तोड़ने का निर्णय लिया

पर्दे के पीछे की खबर है कि जबसे एनडीए के घटक दल लोजपा की तकरार जदयू से बढ़ी है तबसे मांझी की नजदीकियां नीतीश से बढ़ने लगी। एक समय मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश से भी मुलाकात की थी। इस तरह लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान की नीतीश से तनातनी ने मांझी को एनडीए में आने का स्पेस दिया। जाहिर है मांझी की अब एंट्री एनडीए में होगी साथ ही लोजपा के एनडीए आउट का भी खनक तैयार हो गया है। सूत्रों के अनुसार लोजपा नेता रामविलास पासवान की कांग्रेस के अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात हुई है। चिराग को राजद में आने का भी न्योता मिल गया है। इस तरह बिहार विधानसभ चुनाव में एक नया समीकरण उभरने जा रहा है। 22-23 अगस्त को भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में भजोआ भी तय करेगी कि उसे क्या करना है। भाजपा भी इस बार बड़ा दाव खेलने के मूड में है।महागठबंधन टूटने के बाद पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा,जो लोग गठबंधन के नेताओं की बात नहीं सुनते वह सत्ता के आने के बाद जनता की भी नहीं सुनेंगें।
गठबंधन में रहने की हर कोशिश की पर राजद के कारण गठबंधन में रहना मुश्किल था।कहाँ जाएँगें या क्या होगा इसका फ़ैसला माँझी जी पर छोड़ा गया है।