लॉकडाउन में नीतीश सरकार ने लॉक कर दी तेजस्वी की बड़ी योजना। जानिए गैंग ऑफ गोपालगंज के पीछे की राजनीति।

पटना (विद्रोही/ द न्यूज़)। गोपालगंज में ट्रिपल मर्डर मामले में राजद की भोथड़ हो चली राजनीति को चमकाने की योजना फेल हो गयी है। पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने खुलेआम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तीन दिनों के अंदर जदयू विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय को इस अंदाज में चेतावनी दिया कि नीतिश तुरंत डरकर उनके सामने सरेंडर कर देंगें। किन्तु कल यानी कि 27 को तीन दिन बीत गया न पप्पू पकड़े गए और न ही तेजस्वी एक इंच भी नीतीश का बिगाड़ सके। तेजस्वी की तीन दिनों का अल्टीमेटम ही उनके अपरिपक्व राजनीति का परिचय दे रहा है। तेजस्वी को समझना चाहिए कि वाकई में उनके सामने चाचा खड़े हैं। हालांकि कानून व्यवस्था के मसले पर नीतीश सरकार बैकफुट पर है। अपराधियों से खौफ गायब है। अपराधी की कई जाति नहीं होती। उसका जगह जेल होना चाहिए। ट्रिपल मर्डर के खिलाफ तेजस्वी आज लॉक डाउन में अपने सभी विधायकों के साथ गोपालगंज कूच कर रहे थे पर पुलिस प्रशासन ने उन्हें लॉक डाउन तोड़ने की इजाजत नहीं दी। एक बात स्पष्ट हो गयी कि नीतीश को कोई डरा धमका के पथ से डिगा नहीं सकता। दरअसल जगदा बाबू की सलाह काम नहीं आ सकी। पुलिस कह चुकी है कि गोपालगंज में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है और पुख्ता साक्ष्य मिलने पर ही विधायक गिरफ्तार किए जाएंगे। यह बात सही है कि ट्रिपल मर्डर में एक खास यादव समुदाय की हत्या हुई है जो तेजस्वी के वोटबैंक माने जाते हैं। लेकिन यह भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि ट्रिपल मर्डर के ठीक पहले शुभम मिश्रा, ब्रह्ममण की निर्मम हत्या हुई जो विधायक अमरेंद्र पांडेय का संबंधी है। साथ ही ट्रिपल मर्डर के बाद रंजिश में एक और ब्राह्मण मुन्ना तिवारी की हत्या हुई जो विधायक अमरेंद्र पांडेय का संबंधी है। लेकिन इस दोहरे मर्डर की बात सुर्खिया नही बन रही है। ट्रिपल मर्डर मामले विधायक के दो संबंधी सतीश पांडेय और मुकेश पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है। कुल मिलाकर गोपालगंज के गैंगवार में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए कोई तीसरा भी लाभ ले सकता है। जदयू विधायक अमरेंद्र पांडेय को गोपालगंज में सभी वर्ग का वोट मिलता है। उनके राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से भी अच्छे संबंध रहे हैं। गोपालगंज ब्राह्मण और यादवों में कृष्ण सुदामा की मैत्री है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कोई बड़ी राजनीति खेल रहा है। नीतीश से फारवर्ड वोट तोड़ने की साजिश रची जा रही है। सूत्र बताते हैं कि तीसरा गेम की पहचान हो चुकी है। वह सख्त जेल में बन्द है। पुख्ता साक्ष्य मिलते ही मामले का उद्भेदन कर दिया जाएगा।

अमरेंद्र के साथ लालू, क्या ये सच फोटो है! कहीं फर्जी तो नहीं!
क्या ये सच है! कहीं फर्जी फोटो तो नही!