अब लोजपा से कोई भी केंद्र में नहीं बनेंगे मंत्री!

पटना। न्यूज़। विद्रोही। लोजपा का जारी अंदरूनी संग्राम का फैसला अब जनता ही करेगी।लेकिन इस लड़ाई को देखते हुए संकेत मिल रहे हैं कि फिलहाल लोजपा से किसी को भी केंद्र में मंत्री न बनाया जाए। स्पष्ट है कि तत्काल लोजपा की लड़ाई कोर्ट में उलझ जाएगी। इसलिए वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के महाभारत का इंतजार कीजिये। इसके पहले चिराग और पारस गुट की लड़ाई सड़क पर आ जायेगी। भाजपा इसलिए मध्यस्तता नहीं करना चाहती क्योंकि उसे डर है कि नीतीश कुमार नाराज हो जाएंगे। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद  नीतीश कुमार समेत सहयोगी दलों के हौसले बुलंद है। भाजपा फिलहाल दिल्ली की कुर्सी के लिए सबकुछ बर्दास्त करेगी। भाजपा को भी अब कुर्सी का मोह लग गया है। यह पार्टी वसूलों से समझौता नहीं करने का दावा करती थी किन्तु CAA समेत कई मुद्दों को बिहार में उठाने से डरती है।

बहरहाल जदयू और भाजपा दोनों लोजपा की लड़ाई मकुं रहकर देख रहे हैं। ऐसा न हो कि इस लड़ाई को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में बिहार से किसी मंत्री को ही न बनाया जाए। कल पशुपति पारस गुट ने बैठक बुलाई है और इस बैठक में उनके तरफ से नए अध्यक्ष के एलान हो जाएगा। इसके पहले चिराग गट की तरफ से चिराग को ही पार्टी का अध्यक्ष माना गया है। चिराग ने राजू तिवारी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। इसके बाद लोजपा के प्रदेश कार्यालय पर चढ़ाई के लिए लड़ाई होगी। लेकिन एक बात स्पष्ट है फिलहाल कोई भी गुट अधिक नेताओं के साथ लेने का दावा कर ले पर चुनाव में पासवान वोट चिराग का ही साथ देंगे।पारस, सूरजभान, प्रिंस राज, वीणा देवी , महमूद कैंसर व चंदन सिंह सबकी जमीन खिंसक जाएगी। बिहार के ताजा विधानसभा चुनाव में ही एनडीए की हवा करीब करीब निकल गयी थी। ये सभी नेता वर्ष 2024 के चुनाव में औकात में आ जाएंगे। वास्तविकता यही है। जो काम चिराग ने नीतीश को हराने में किया वही काम अगले चुनाव में भी दोहराया जा सकता है।