प्रधानमंत्री जी, नीतीश जी, यदि देश का हजारों करोड़ बचाना है तो कोचिंग का स्थायी हल ढूंढ ले।

पटना ( द न्यूज़)। कोटा से 1200 बच्चों को लेकर आज सुबह ट्रेन बरौनी पहुंच गई। इन बच्चों को वहां से उनके नजदीकी गृह जिला के ब्लॉक ले जाने के लिए बसें खड़ीं कर दी गयी हैं। 3- चार घंटे में सभी अपने ज़िले पहुंच जायेंगें। बिहार से हजारों करोड़ रुपये प्रतिवर्ष दूसरे राज्यों में केवल कोचिंग की पढ़ाई के लिए जाता है।राजस्थान का कोटा इसी में शामिल है। कोटा के अलावा देश के दिल्ली, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु समेत कई शहरों में बच्चे परीक्ष की तैयारी के लिए जाते हैं और हजारों खर्च करते है। पैसे देने में परिवार की आर्थिक रीढ़ टूट जाती है। बिहार सरकार को यही वक्त है इस कोचिंग धंधे का विकल्प ढूंढने का। एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार कर जिसे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। ऐसा करने से बिहार का पैसा बिहार में ही रहेगा। कोरोना काल में बिहार और निर्धन होने से बच जाएगा। बिहार के अंदर भी कोचिंग का धंधा बंद हो जाएगा। इस दिशा में सरकार को निश्वार्थ भाव दिखाना होगा। कमीशन को छोड़ना होगा। इससे करोड़ों बिहारवासियों का फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे आएं और देश के हजारों करोड़ दोहन होने से बचाएं।