पटना ( द न्यूज़)। बिहार के बाहर फंसे मजदूरों को अपने राज्य में लाने का सिलसिला शुरू हो गया है। मजदूरों का किराया कौन देगा इसे लेकर राजनीति तेज हो गयी है। केंद्र सरकार ने ट्रेन तो चला दी पर यह निर्देश भी दे दिया कि संबंधित राज्य सरकारें श्रमिकों का किराया चुकायेगी। अब श्रमिकों में चिंता है कि उससे अब किराया लिया जाएगा। उधर विपक्ष ने श्रमिकों का किराया देने का आफर कर दिया है। कंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आने सभी प्रदेश अध्यक्ष को श्रमिकों का किराया अपने खाते से सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया है। साथ ही श्रमिकों के लिए भावुक पत्र भी जारी किया है। श्रमिक ही राष्ट्र की रीढ़ हैं। ज्ञात हो कि सबसे पहले असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए बतौर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने ही एक ड्राफ्ट तैयार कराया था। इसी बीच यहां बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र से 50 ट्रेन चलाने का आग्रह किया है। इसका किराया राजद देगा।
तेजस्वी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है। हम ग़रीब बिहारी मज़दूर भाईयों की तरफ़ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी।
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश अनुसार राज्य सरकार को ही ट्रेनों का प्रबंध करना है इसलिए हम राज्य सरकार से आग्रह करते है कि वह मज़दूर भाईयों से किराया नहीं ले क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी राजद शुरुआती 50 ट्रेनों का किराया वहन करने के लिए एकदम तैयार है। राजद उनके किराए की राशि राज्य सरकार को चेक के माध्यम से जब सरकार कहें, सौंप देगी।
बहुत हो चुका संसाधनों की कमी का बहाना और हवाला। अब यथाशीघ्र अप्रवासी भाईयों को वापस लेकर आइए।