भाजपा ने विपक्ष को तोड़कर ‘सबका साथ’ सबका विकास धर्म निभाया
नई दिल्ली ( द न्यूज़)। विपक्ष एकजुट रहता तो तीन तलाक के बिल का राज्यसभा में गिरना तय था, किन्तु कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के दौरान बिल का विरोध किया और जब वोटिंग की बारी आई तो सदन से गुम हो गए। विपक्ष के इस कदम से जहां उनकी एकता में तलाक हो गया वहीं भाजपा का फ्लोर मैनेजमेंट बाजी मार ले गया। संजय सिंह सरीखे नेता जब ऐन वक्त पर पार्टी से इस्तीफा देकर पाला बदल लिए तो कांग्रेस को विलाप करने की सिवा कोई विकल्प नहीं बचता है। राष्ट्रपति ने बिल पर अपनी सहमति दे दी है। कानून 19 सितंबर 2018 से ही लागू माना जायेगा।
देखिये, किन विपक्षी नेताओं/पार्टियों ने तीन तलाक बिल पर वोटिंग के दौरान सदन से बाहर रहे।
कांग्रेस- विवेक तंखा, राजीव विश्वाल, मुकुंद मेधी, प्रताप बाजवा व संजय सिंह
राजद- राम जेठमलानी
एनसीपी- शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल
डीएमके-आरएस भारती
वाईएसआर कांग्रेस- 1 ( सांसद)
बीएसपी। 4
टीआरएस 6
सपा 5
टीडीपी- 2
टीएमसी- 1
आईयूएमएल- 1
केरल कांग्रेस- 1
ज्ञात हो कि जदयू और एआईडीएमके राजग की सहयोगी पार्टियां हैं। लेकिन इनके सांसदों ने तीन तलाक बिल के दौरान बहिर्गमन किया। बिल के समर्थन में 99 तथा बिल के विरोध में 84 मत पड़े। 15 मतों के अंतर से बिल सदन से पारित हो गया। भाजपा नेतृत्व की यह जीत है। विपक्ष को फिर मंथन की जरूरत है। विशुद्ध विपक्ष की बात करें तो उसके करीब 30 सांसदों ने एनडीए का साथ दिया है।