पटना (द न्यूज़)। लोजपा सेक्युलर के संस्थापक डॉ सत्यानंद शर्मा द्वारा अतिपिछड़ा मुख्यमंत्री का अलख जगाए जाने के बाद प्रदेश के सभी दलों में खलबली मच गई है। राजद ने अपनी पार्टी में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी अतिपिछड़ों को देने की बात कह दी है।
ऐसे में राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आनी शुरू ही गयी है। लोजपा सेक्युलर के संस्थापक सत्यानंद शर्मा ने कहा, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अतिपिछड़ों को हिस्सेदारी देने के सवाल पर कुछ भी बोलने से पहले जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्य्क्ष पपु यादव से सिख लेना चाहिए।
लोक जनशक्ति पार्टी (सेक्यूलर) के संस्थापक डॉ सत्यानंद शर्मा ने पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित अतिपिछड़ा कार्यशाला का उदघाटन के समय बुधवार को कहा कि पप्पू यादव पिछले दिनों मेरे आवास पर मिलने आये थे।उन्होंने आजादी के 73 वर्षों में राजनीति में अतिपिछड़ों की स्तिथि पर विस्तार पूर्वक चर्चा के उपरांत कहा कि समय और राजनीति की माँग है कि अतिपिछड़ा को बिहार का सत्ता सौप कर 73 वर्षो तक इस समाज के साथ हुए अन्याय को न्याय में बदला जाये।श्री पपु यादव ने स्पष्ट कहा कि पिछड़ी जाति के बहुसंख्यक जाति 30 वर्षों तक लगातार राज कर लिए।इन्हों ने मुझ से कहा कि सत्यानंद जी आप आगे आइए हम सब लोग आप के पीछे खड़े रहेंगे समाजिक न्याय अब यही कह रहा है।
आगे डॉ शर्मा ने कहा कि तेजस्वी यादव अतिपिछड़ों की बात कह रहे है। 1990 से 2000 तक के राजनीतिक दौड़ को तेजस्वी ने देखा नही है।बच्चे थे।इनके पिता लालू प्रसाद को यही अतिपिछड़ा समाज जिन बन कर सत्ता में बैठाया था।बाद में अतिपिछड़ों के साथ लालू जी ने क्या किया यह सोंचने का विषय है। क्यों यही अतिपिछड़ा वोट बैक नीतीश कुमार को सत्ता में बैठा दिया और लालू जी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
आगे डॉ. शर्मा ने कहा कि काठ की हाण्डी दुबारा नहीं चढ़ती है।यदि समाजिक न्याय और अतिपिछड़ों के हालात पर तेजस्वी का थोड़ा भी समर्पण है तो तेजस्वी यादव साफ-साफ कहे कि 2020 में अतिपिछड़ा मुख्यमंत्री होगा। राजद या महागठबंधन को सत्ता में वापसी का यही एक मात्र मार्ग है।
कार्यशाला की अध्यक्षता पृथ्वी शर्मा ने किया ।
डॉ शर्मा के अलावे कार्यशाला में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता विष्णु पासवान, युवा के अनिल कुमार पासवान,रवीश कुमार,आशीष कुशवाहा, अंजू देवी,कामता प्रसाद चंद्रवंशी, आनंद शंकर,परमानंद ठाकुर ने भी संबोधित किया।