पटना ( विद्रोही/ द न्यूज़)। भाजपा व जदयू के बीच सीटों को लेकर खींचतान चल रही है। जदयू अगले विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में रहते हुए भाजपा से अधिक सीटों का दावा कर रहा है जबकि भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव का दुहाई देते हुए फिफ्टी- फिफ्टी सीटों का बंटवारा चाहती है। इस सिलसिले में कल देर रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मुलाकात की।
विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर आज आधिकारिक चर्चा शुरू हो गयी है। सूत्र बताते हैं कि चुनाव से संबंधित कई मामलों की लेकर श्री यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है। एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष चिराग पासवान नाराज दिख रहे हैं। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग ने राजनीतिक गलियारे में संदेश दे दिया है कि वह भी मुख्यमंत्री बनने की संभावना रखते हैं। हो नीतीश कुमार पहले से एनडीए के घोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं। ऐसे में जदयू को चिराग की बात पच नहीं सकती है। भाजपा के पूर्व राष्टीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों वर्चुअल रैली में स्पष्ट कर दिया था कि नीतीश की अगुवाई में एनडीए चुनाव लड़ेगा। ऐसे में चिराग के बयान ओर जदयू की भृकुटि तन गयी है। समझा जाता है कि चिराग पासवान सोच समझकर राजनीतिक कदम बढ़ा रहे हैं। इसके पीछे सीटों की सौदेबाजी हो सकती है। हाल ही में दिल्ली में भाजपा नेता भूपेंद्र यादव ने चिराग पासवान से मुलाकात की थी। उनसे मुलाकात के बाद भूपेंद्र यादव ने यहां पटना में सीएम नीतीश कुमार से मिले है। सूत्र बताते हैं कि वार्ता का केंद्रबिंदु सीट बंटवारा है। भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव के तर्ज पर जदयू से फिफ्टी- फिफ्टी सीट बंटवारे का फार्मूला तय करना चाहती है। किंतु जदयू भाजपा से अधिक सीटों की दावेदारी कर रहा है। चिराग भी अधिक सीट चाहते हैं। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि सीट बंटवारे पर एनडीए के बीच जिच जारी है। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत के बाद भाजपा नेता भूपेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर पूरी बात से अवगत कराएंगे। सूत्र बताते है कि जदयू ने साफ कर दिया है कि वह भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगा। जाहिर है ऐसी स्थिति में लोजपा को भी अनुमान से कम सीटें मिलेगी। जदयू 125 सीटों का दावा कर रहा है। लोजपा 41 सीटों का दावा कर रही है। ऐसे में भाजपा के लिए 77 सीटे ही बच जाती है। लेकिन इतनी सीटों पर भाजपा कभी राजी नहीं होगी। भाजपा किसी भी क़ीमत पर इसबार 100 सीटों से नीचे नहीं जाएगी। भाजपा यदि फिफ्टी फिफ्टी सीट नहीं ले पाती है तो यह भी भाजपा के लिए बैकफुट पर आना है। जिस तरह पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ा दिल दिखाया वैसा ही इस बार जदयू को दिखाने की बाड़ी आ गयी है।