बड़े बड़े को नीतीश ने साधा अब चिराग भिड़े हैं! चुनाव की आहट देख पटना पहुंचे चिराग, बढ़ाई गतिविधियां

पटना। द न्यूज़। ( विद्रोही)। बिहार की राजनीति के साथ बढ़ते कोरोना मरीजों की आबादी जब परवान चढ़ने लगी तो लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान राजधानी पहुंचे। पार्टी कार्यालय में झंडा फहराए और पदाधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की। ज्ञात हो कि फरवरी महीने में बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट स्लोगन के साथ यात्रा पर निकल पड़े थे किंतु मार्च के पहले सप्ताह में कोरोना जब दुनिया को डराने लगी तो बिहार में भी सोशल डिस्टेंसिग का दौर शुरू हो गया। राजनीतिक दलों ने अपनी राजनीतिक गतिविधियां रोक दी। उसी क्रम में चिराग ने भी अपनी यात्रा निलंबित कर दिल्ली की राह पकड़ ली। करीब पांच महीने बाद चिराग बिहार पहुंचे हैं। यदि राजद नेता तेजस्वी ऐसा करते तो एनडीए के नेता हाय तौबा मचा देते। हालांकि कुछ दिन लॉक डाउन में दिल्ली फंसे रहने पर भाजपा और जदयू के नेताओं ने तेजस्वी के नाक में दम भर दिया था, किन्तु चिराग मामले में चूं तक नहीं हुआ।

चिराग ने दिल्ली में रहकर विधान सभा चुनाव न कराने के लिए काफी जोर लगाया पर उन्हें जब महसूस हो गया कि समय पर चुनाव संभव हो सकता है तब वे बिहार की तरफ कूच किये। लोजपा की तरफ से पहके जदयू पर पुरजोर दवाब बनाया गया कि उन्हें राज्यपाल कोटे से पार्टी की दो उम्मीदवारी दे दी जाए पर नीतीश ने कोई भाव नहीं दिया। नीतीश ने बड़े बड़े को साधा है। अब चिराग उनसे भिड़े हैं। आगे इसका परिणाम सामने आएगा। फिलहाल चिराग पासवान आगे की रणनीति का निर्णय एक दो दिनों में सुनाएंगे। आज की बैठक के बाद तय किया गया कि लोजपा संसदीय दल ताजा राजनीति पर फैसला लेगी। मौसम का रुख भांपा जा रहा है। ज्ञात हो कि फिलहाल लोजपा के पास 2 विधायक है। उसे खोने के लिए ज्यादा स्कोप नहीं है। लिहाजा चिराग दूर की राजनीति सोच रहे हैं। लोजपा चाहेगी कि इस बार ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार खड़ा हो और ज्यादा से ज्यादा झोली में आये। इएलिये लोजपा 40-45 सीटों से कम पर एनडीए से नहीं मानेगी। नीतीश भी 115-20 सीट से कम पर नहीं मानेंगे। यदि ऐसा हुआ तो फिर भाजपा को बौना होना पड़ेगा।