वसुधैव कुटुम्बकम परिषद अभियान की शुरुआत। परिषद जाति व धर्म के नाम पर फैलाये जा रहे आपसी द्वेष को खत्म करेगा

पटना। द न्यूज़। भारतीय वेद विद्वानों ने प्रेम व समरसता की गंगा बहाने के लिए वसुधैव कुटुंबकम यानी पूरा बसुधा ही हमारा कुटुंब है,का पाठ पढ़ाया। इस धरती पर रहने वाला हर प्राणी हमारा कुटुंब है। परिवार है। जिन ऋषियों व विद्वतजन ब्राह्मणों ने वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र दिया उस मनीषियों पर ही देश तोड़ने वाले लोगों ने निशाना साधा। जिन ब्राह्मणों ने देश की रक्षा के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम राम का विराट रूप दिखाया उसे ही खंजर चुभाना शुरू किया। ब्राह्मणों ने समाज को जोड़ने का काम किया किन्तु कुछ लोगों ने समाज को तोड़ने के लिए इन ब्राह्मणों को भला बुरा कहना किया। ऐसे लोगों को पर्दाफाश करने के साथ वास्तविक स्थिति सामने रखने के लिए वसुधैव कुटुम्बकम परिषद का गठन हुआ है। इस परिषद का गठन समाजसेवी जेएन त्रिवेदी ने किया है। त्रिवेदी जी का कहना है कि मनुस्मृति में ब्राह्मण का जिक्र एक वर्ण के रूप में हुआ है न कि जाति के रूप मे। ब्राह्मण एक विचारधारा है जो समाज को जोड़ने का काम करता है। वसुधैव कुटुम्बकम परिषद समाज मे फैली भ्रांतियों को दूर करने का काम करेगा।

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