आज है मोहन भागवत का जन्मदिन
पुणे/नई दिल्ली ( द न्यूज़)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिखर पर पहुंचाने में ‘भागवत’ कृपा की अनदेखी नहीं की जा सकती है। आरएसएस के सर संघचालक मोहन मधुकर भागवत ने पर्दे के पीछे रहकर करोड़ों संघ के कार्यकर्ताओं को वर्ष 2009 से कैम्प लगाकर मार्गदर्शन किया। उन्हें प्रशिक्षित किया। हर मंडल में शक्ति केंद्र का गठन हुआ। एक बार भी भाजपा नेतृत्व से टकराहट की बात सामने नहीं आयी। संघ के कार्यकर्ता चट्टान की तरह नरेंद्र मोदी के साथ खड़े रहे। याद रहे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ समेत आरएसएस की सहयोगी संगठनों से अनबन की बात सामने आती थी।
आज मोहन भागवत का जन्मदिन है। ऐसे में उनके योगदान का प्रसंग लाजमी है। वर्ष 2009 के मार्च महीने में के एस सुदर्शन के अआकाश के बाद मोहन भागवत सर संघचालक का पद संभाले थे। यूपीए की सड़कआर सत्त्ता में थी। भाजपा को सत्ता के दहलीज पर पहुंचना मुश्किल था। ये अकेले भाजपा के बूते की बात नहीं थी। भागवत ने अथक संघर्ष किया। संगठन का चहूंओर विस्तार किया। वर्ष 2014 में भाजपा सत्ता में आ गयी। कांग्रेस की हार हुई। नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बने। इसके बाद हालिया लोकसभ चुनाव में भाजपा 303 पार कर गई। यह सब भागवत कृपा से संभव हो सका।