इस लॉक डाउन के आर्थिक सुखाड़ में रिलायंस लाया 60 हजार करोड़ से अधिक का निवेश। फेसबुक के बाद विस्टा का बड़ा निवेश

मुंबई/ पटना ( द न्यूज़)। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, जियो प्लेटफ़ॉर्म्स लिमिटेड और फ़ेसबुक इंक के जियो प्लैटफ़ॉर्म्स में ₹ 43,574 करोड़ ($6.22 अरब) का निवेश के बाद vista ने 11367 करोड़ का निवेश किया है। तय समझौता के अनुसार प्राइवेट इक्विटी विस्टा इक्विटी पार्टनर्स जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की 2.3 फीसदी हिस्सेदारी 11,367 करोड़ रुपये में खरीदेगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने आज शुक्रवार को इसकी घोषणा की. यह निवेश Jio प्लेटफॉर्म की 4.91 लाख करोड़ की वैल्यू पर होगा और इंटरप्राइजेज वैल्यू अब 5.16 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी. अमेरिका बेस्ड प्राइवेट इक्विटी फर्म दुनिया की सबसे बड़ी विशेष रूप से टेक फोकस्ड फंड है. अप्रैल में घोषित फेसबुक सौदे के मुकाबले विस्टा का निवेश 12.5 प्रतिशत प्रीमियम पर है.

यह रिलायंस जियो में तीसरा हाई प्रोफाइल निवेश है. फेसबुक ने जियो में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी 43,534 करोड़ रुपये में और सिल्वर लेक ने 1.55% हिस्सेदारी के लिए 5655 करोड़ का निवेश किया. इस हफ्ते की शुरुआत में Jio में सिल्वर लेक द्वारा किया गया निवेश भी फेसबुक सौदे के समान प्रीमियम पर था. तीन हफ्ते के अंदर जियो प्लेटफॉर्म्स ने टेक्नोलॉजी इन्वेस्टर्स से 60,596.37 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

जियो की शुरुआत 2016 में हुई थी. धीरे-धीरे इसने टेलिकॉम इंडस्ट्री में अपनी धाक जमा ली. टेलीकॉम और ब्रॉडबैंड से लेकर ई कॉमर्स में इसने अपना विस्तार किया और 38 करोड़ ग्राहकों तक पहुंच गई. भारत में फेसबुक के 400 मिलियन यूजर्स हैं. कंसल्टेंसी पीडब्ल्यूसी के अनुसार, भारत में साल 2022 में इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 850 मिलियन होने की उम्मीद है.

भारत में विस्टा का यह पहला बड़ा निवेश है. विस्टा का शुरुआती चरण में तकनीकी कंपनियों में निवेश करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. इसका प्रत्येक निवेश 10 वर्षों में प्रॉफिटेबल रहा है. विस्टा का निवेश अगली पीढ़ी के सॉफ्टवेयर और प्लेटफॉर्म कंपनी के रूप में Jio को प्रदर्शित करता है. यह Jio की तकनीकी क्षमताओं का समर्थन भी है और इस COVID-19 की इस दुनिया में और उससे आगे भी बिजनेस मॉडल की क्षमता है.

जियो की लॉन्चिंग के बाद रिलायंस देश की एकमात्र ऐसी कंपनी के रूप में उभरी है, जो तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में अमेरिकी तकनीकी समूहों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है. रिलायंस ने मोबाइल टेलीकॉम से लेकर होम ब्रॉडबैंड तक हर चीज में ई-कॉमर्स का विस्तार किया है.